आख़िर तक – एक नज़र में
- 17 दिसंबर 1903 को राइट ब्रदर्स ने पहली बार मानव उड़ान का सपना साकार किया।
- यह उड़ान सिर्फ 12 सेकंड तक चली और 120 फीट की दूरी तय की।
- यह पहला मौका था जब हेवीयर-देयर-एयर फ्लाइंग मशीन ने आकाश को छुआ।
- उनके इस प्रयास ने एविएशन इतिहास की नींव रखी और आगे की खोजों के दरवाजे खोले।
- राइट ब्रदर्स की यह छोटी सी सफलता मानवता के लिए एक बड़ा कदम साबित हुई।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
एक असंभव सपने की शुरुआत
राइट ब्रदर्स, ऑरविल और विलबर ने 17 दिसंबर 1903 को दुनिया के सामने एक ऐसा करिश्मा किया जिसने मानव इतिहास बदल दिया। उनकी उड़ान केवल 12 सेकंड लंबी थी और कुल 120 फीट तक पहुँची, लेकिन यह उपलब्धि एविएशन युग की शुरुआत थी।
विलबर और ऑरविल ने कई सालों तक प्रयोग, असफलताएँ और दुबारा प्रयास किए। आखिरकार, उनकी फ्लायर मशीन जो लकड़ी, कपड़े और एक छोटे इंजन से बनी थी, कामयाब रही।
पृष्ठभूमि: एक अविश्वसनीय यात्रा
राइट ब्रदर्स का सफर एक प्रिंटिंग प्रेस से शुरू हुआ। फिर 1892 में उन्होंने साइकिल रिपेयर का बिजनेस शुरू किया। इसी दौरान, फ्लाइट की खबरों ने उनके अंदर एरोनॉटिक्स में रुचि जगाई।
1899 तक विलबर ने उड़ान के मुख्य सिद्धांत (लिफ्ट, प्रोपल्शन और नियंत्रण) समझ लिए थे। उन्होंने ‘विंग वॉर्पिंग’ तकनीक विकसित की, जिससे उड़ान के दौरान दिशा बदली जा सकती थी।
Kitty Hawk और सफलता की कहानी
1902 में उन्होंने ग्लाइडर की टेस्टिंग कर 620 फीट तक उड़ान भरी। फिर 12 हॉर्सपावर इंजन और एक प्रोपेलर के साथ उन्होंने 1903 फ्लायर तैयार किया।
14 दिसंबर 1903 को पहली कोशिश विफल रही। लेकिन तीन दिन बाद, ऑरविल ने उड़ान भरी और 120 फीट तक सफलता पाई।
ऐतिहासिक दिन: 17 दिसंबर 1903
10:35 AM पर हुए इस ऐतिहासिक पल ने दुनिया को उड़ान भरने का मार्ग दिखाया।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- राइट ब्रदर्स की पहली उड़ान केवल 12 सेकंड की थी।
- उन्होंने 17 दिसंबर 1903 को 120 फीट की दूरी तय की।
- हेवीयर-देयर-एयर मशीन ने एविएशन इंडस्ट्री की नींव रखी।
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