आख़िर तक – एक नज़र में:
- दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने EVM और वोटर लिस्ट से संबंधित आरोपों को खारिज किया।
- आयोग ने स्पष्ट किया कि EVM पूर्णत: सुरक्षित हैं और इनमें कोई गड़बड़ी संभव नहीं है।
- चुनाव आयोग ने बताया कि वोटर लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया में 70 कदम होते हैं, जिनमें राजनीतिक दलों को शामिल किया जाता है।
- भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और EVM के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे।
- चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि वोटर टर्नआउट में बदलाव पोलिंग रिपोर्ट में देर से आने के कारण होते हैं।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार:
चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण:
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए, चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट और EVM में गड़बड़ी के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया। आयोग का कहना है कि मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाते हैं। चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, “वोटर लिस्ट तैयार करने में 70 कदम शामिल हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दलों से लगातार संवाद किया जाता है कि कोई भी गलतफहमी न हो।”
EVM पर आरोपों का खंडन:
AAP और BJP दोनों ने EVM में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इस पर चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया कि EVMs को लेकर कोई भी आरोप बिना आधार के हैं। “EVMs पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसमें किसी तरह की गड़बड़ी का कोई सवाल ही नहीं उठता,” आयोग ने कहा। इसके अतिरिक्त, कोर्टों द्वारा भी EVM की विश्वसनीयता पर पहले ही मुहर लगाई जा चुकी है।
वोटर लिस्ट में बदलाव:
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट में कोई बदलाव बिना व्यक्तिगत सुनवाई के नहीं किया जाता है। “चुनाव प्रक्रिया में हर कदम का ईमानदारी से पालन किया जाता है,” चुनाव आयोग ने कहा। इस संदर्भ में, भाजपा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने विशेष समुदाय के वोटर को जोड़ने का प्रयास किया है, जबकि आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर दलित और अन्य समुदायों के वोटरों को हटाने का आरोप लगाया।
चुनावी प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी:
आयोग ने चुनावों के दौरान टर्नआउट के आंकड़ों में बदलाव को स्पष्ट किया। “वोटर टर्नआउट रिपोर्ट के बाद के बदलाव प्रायः पोलिंग रिपोर्ट में देरी के कारण होते हैं, जिनकी सत्यापना होने के बाद ही अंतिम गणना की जाती है।”
निष्कर्ष:
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच चुनाव आयोग की इस सफाई ने किसी भी तरह की गलतफहमी को दूर किया है। आयोग का यह कहना था कि पूरे चुनावी प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और विश्वास बनाए रखा जाता है। अब तक किए गए किसी भी आरोप को उन्होंने पूरी तरह अस्वीकार किया।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें:
- चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट और EVM के आरोपों को खारिज किया।
- चुनाव प्रक्रिया में 70 चरण होते हैं, जिनमें राजनीतिक दल सक्रिय रूप से शामिल होते हैं।
- EVMs को पूरी तरह से सुरक्षित और निर्भर बताया गया।
- वोटर लिस्ट में बदलाव और टर्नआउट रिपोर्ट में परिवर्तन की पूरी जानकारी दी गई है।
- इस बयान ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर विवादों को शांत किया।
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