अमेरिका चीन टैरिफ: US ने लगाया 104% शुल्क, पुष्टि

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अमेरिका चीन टैरिफ: US ने लगाया 104% शुल्क, पुष्टि

आख़िर तक – एक नज़र में

  • अमेरिका ने चीन पर लगाया 104% का भारी अमेरिका चीन टैरिफ
  • व्हाइट हाउस ने 9 अप्रैल से प्रभावी होने की इस बड़ी कार्रवाई की पुष्टि की।
  • चीन ने 34% प्रतिशोधी टैरिफ और दुर्लभ मृदा नियंत्रण की घोषणा की।
  • बढ़ते व्यापार युद्ध से वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज हुई।
  • राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद यह कठोर कदम उठाया गया।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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परिचय: अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में बड़ा टकराव
संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीन के साथ अपने व्यापार टकराव को काफी बढ़ा दिया है। व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि चीनी आयातों पर 104 प्रतिशत का भारी अमेरिका चीन टैरिफ लगाया गया है। यह नया टैरिफ 9 अप्रैल से प्रभावी होगा। यह घटनाक्रम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन को दी गई चेतावनी और एक दिन की समय सीमा के बाद आया है। ट्रंप ने चीन से अमेरिकी आयातों पर लगे 34 प्रतिशत शुल्क को वापस लेने की मांग की थी। इस कदम से वैश्विक व्यापार युद्ध और गहरा गया है।

टैरिफ का विवरण और वृद्धि
व्हाइट हाउस ने फॉक्स बिजनेस के एक रिपोर्टर को इन टैरिफ की पुष्टि की है। कुल 104 प्रतिशत टैरिफ कई चरणों में लागू हुए। इसमें मार्च में लगाया गया 20 प्रतिशत शुल्क शामिल है। पिछले सप्ताह इसमें 34 प्रतिशत की और वृद्धि की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, इन शुल्कों ने चीनी आयातों पर कुल टैरिफ को 104 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। इससे पहले इसी हफ्ते, ट्रंप ने कहा था कि चीन को अतिरिक्त 50 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। यह पहले से घोषित 34 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त था। शर्त यह थी कि चीन एक दिन के भीतर अमेरिकी आयातों पर अपने प्रतिशोधी टैरिफ वापस ले। व्हाइट हाउस की पुष्टि इन संयुक्त टैरिफ के कार्यान्वयन को दर्शाती है। यह अमेरिका चीन टैरिफ में एक अभूतपूर्व वृद्धि है।

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चीन की प्रतिक्रिया: प्रतिशोधी कदम
शुरुआती 34 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ के जवाब में, चीन पीछे नहीं हटा। चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत प्रतिशोधी टैरिफ की घोषणा की। यह टैरिफ 10 अप्रैल से प्रभावी होगा। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जवाबी उपाय करेगा। चीन ने अमेरिका पर टैरिफ बढ़ाने और आर्थिक दबाव बनाने का आरोप लगाया। इससे व्यापार युद्ध की चिंताएं और बढ़ गई हैं।

दुर्लभ मृदा पर निर्यात नियंत्रण
चीन ने केवल टैरिफ तक ही सीमित प्रतिक्रिया नहीं दी। चीन के वित्त मंत्रालय ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया। मंत्रालय ने मध्यम और भारी दुर्लभ मृदा तत्वों पर नए निर्यात नियंत्रणों की घोषणा की। इनमें समेरियम, गैडोलीनियम, टर्बियम, डिस्प्रोसियम, ल्यूटेटियम, स्कैंडियम और येट्रियम शामिल हैं। ये नियंत्रण 4 अप्रैल से प्रभावी हो गए हैं। दुर्लभ मृदा नियंत्रण एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। ये तत्व कई उच्च-तकनीकी उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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बाजार पर गंभीर प्रभाव
इस बढ़ते व्यापार युद्ध का वैश्विक वित्तीय बाजारों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। एसएंडपी 500 अपने फरवरी के शिखर से 20 प्रतिशत गिर गया है। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज अपने उच्चतम स्तर से 17 प्रतिशत से अधिक नीचे है। नैस्डैक पिछले हफ्ते बेयर मार्केट क्षेत्र में प्रवेश कर गया। चीन में भी स्थिति चिंताजनक है। हैंग सेंग टेक इंडेक्स एक महीने में 27 प्रतिशत गिर गया है। चीनी युआन जनवरी के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है। हालांकि, चीनी सरकारी बॉन्डों में तेज रैली देखी गई है। यह बाजार प्रभाव निवेशकों के बीच बढ़ती अनिश्चितता को दर्शाता है।

व्यापक व्यापार नीति: भारत का उल्लेख
इस घटनाक्रम के बीच, यह ध्यान देने योग्य है। 2 अप्रैल को, ट्रंप ने भारत से आयात पर 26 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा भी की थी। उन्होंने इन्हें व्यापक व्यापार नीति बदलाव के हिस्से के रूप में “पारस्परिक” टैरिफ करार दिया था। यह दर्शाता है कि अमेरिका की व्यापार नीतियां केवल चीन तक ही सीमित नहीं हैं। अमेरिका चीन टैरिफ विवाद वैश्विक व्यापार परिदृश्य को बदल रहा है।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • अमेरिका ने चीन से आयात पर अमेरिका चीन टैरिफ को बढ़ाकर 104% कर दिया है।
  • व्हाइट हाउस ने 9 अप्रैल से प्रभावी होने वाले इस कदम की पुष्टि की।
  • चीन ने 34% प्रतिशोधी टैरिफ और महत्वपूर्ण दुर्लभ मृदा पर निर्यात नियंत्रण लगाया।
  • इस व्यापार युद्ध के कारण वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है।
  • यह कार्रवाई डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन को दी गई समय सीमा के बाद हुई।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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