आखिर तक – संक्षेप में
- चटगांव: धार्मिक तनाव के कारण सुरक्षा बलों ने हिंदू समुदाय पर कार्रवाई की।
- जमात-ए-इस्लामी: एक सोशल मीडिया पोस्ट में ISKCON के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी।
- सुरक्षा बलों की तैनाती: आर्मी और पुलिस ने तनाव रोकने के लिए कार्रवाई की।
- गिरफ्तारी: अब तक 49 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
- आरोप: हिंदू नेताओं ने सुरक्षा बलों पर भेदभाव का आरोप लगाया।
आखिर तक – विस्तार से
चटगांव में धार्मिक तनाव और कार्रवाई का कारण
चटगांव के हज़ारी गली क्षेत्र में धार्मिक तनाव उस समय बढ़ गया जब जमात-ए-इस्लामी के सदस्य उस्मान अली ने सोशल मीडिया पर ISKCON और हिंदू धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां पोस्ट कीं। इससे हिंदू समुदाय में गुस्सा फैल गया, और उन्होंने विरोध में उस्मान अली की दुकान के बाहर प्रदर्शन किया।
सुरक्षा बलों की तैनाती और स्थिति का नियंत्रण
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बांग्लादेश आर्मी और पुलिस को तैनात किया गया। घटनास्थल से एक वीडियो में सेना को नागरिकों पर लाठीचार्ज करते और गोलियां चलाते देखा गया। स्थानीय पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर ईंटें और एसिड फेंका, जिससे नौ अधिकारी घायल हुए।
गिरफ्तारी और आरोप
मंगलवार तक 582 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और 49 लोगों को गिरफ्तार किया गया। हिंदू नेताओं ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने बिना भेदभाव के हिंदू निवासियों पर हमला किया। सुरक्षा बलों पर दरवाजे-दरवाजे तलाशी लेने का भी आरोप लगा।
आरोप और सरकारी प्रतिक्रिया
हिंदू नेताओं का कहना है कि बलों ने विशेष रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बनाया है। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समूह के रूप में 8 प्रतिशत आबादी में हैं और अक्सर हिंसा का शिकार होते हैं। अंतरिम सरकार के प्रमुख, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद युनूस ने इस घटना की निंदा की और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया है।
याद रखने योग्य बातें
- चटगांव में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव का मामला सामने आया।
- जमात-ए-इस्लामी की पोस्ट से हज़ारी गली में हिंसा भड़क गई।
- सेना और पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए बल प्रयोग किया।
- कई हिंदू निवासियों ने सुरक्षा बलों पर भेदभाव का आरोप लगाया।
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