आख़िर तक – एक नज़र में
- चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत-चीन संबंधों में परस्पर सहयोग और समझ को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बीजिंग यात्रा के दौरान आपसी संवाद को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
- दोनों देशों ने सीमा विवाद हल करने और द्विपक्षीय संबंध सुधारने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
- चीन ने भारत के साथ सामान्य संबंध बहाल करने की आशा व्यक्त की।
- 2020 के गालवान संघर्ष के बाद विश्वास बहाली एक प्रमुख प्राथमिकता है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
परस्पर सहयोग पर जोर
बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी और भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री के बीच मुलाकात में दोनों देशों ने परस्पर सहयोग और समझ को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया। वांग यी ने बताया कि “संदेह” और “विच्छेदन” से बचते हुए परस्पर समर्थन और उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
सीमा विवाद और संवाद
मिस्री की यात्रा का उद्देश्य भारत-चीन सीमा विवाद पर प्रगति करना और 2020 के गालवान संघर्ष के बाद बिगड़े संबंधों को सुधारना है। दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा विवाद का हल द्विपक्षीय संबंधों के लिए आवश्यक है।
नेताओं के निर्देश और भविष्य की योजना
पिछले साल ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक के बाद यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दोनों देशों ने द्विपक्षीय समझौतों को लागू करने और स्थिरता बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
चुनौतियां और आशाएं
2020 से सीमा पर जारी सैन्य तनाव के बावजूद, भारत और चीन ने कई स्तरों पर संवाद बनाए रखा है। हालांकि, पूर्ण सैनिक वापसी और तनाव समाप्ति अभी भी लंबित है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- चीन और भारत ने परस्पर सहयोग और विश्वास बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
- सीमा विवाद सुलझाना दोनों देशों के सामान्य संबंधों की प्राथमिकता है।
- 2020 के संघर्ष के बाद संबंध सुधारने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं।
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