आख़िर तक – एक नज़र में
- ISRO 4 दिसंबर को PSLV-XL के माध्यम से एक विशेष मिशन लॉन्च करेगा।
- इस मिशन के साथ भारत की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब MOI-TD अंतरिक्ष में भेजी जाएगी।
- यह AI लैब रियल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग में मदद करेगी, जिससे डेटा उपयोग की गति और गुणवत्ता बढ़ेगी।
- MOI-TD प्लेटफॉर्म को IN-SPACe तकनीकी केंद्र के सहयोग से विकसित किया गया है।
- इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष से सीधे डेटा प्रोसेस कर महत्वपूर्ण जानकारी त्वरित रूप से उपलब्ध कराना है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
मिशन का परिचय
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 4 दिसंबर को PSLV-XL रॉकेट के माध्यम से एक विशेष मिशन लॉन्च करने जा रहा है। इस मिशन का मुख्य आकर्षण है MOI-TD (My Orbital Infrastructure – Technology Demonstrator) प्लेटफॉर्म, जिसे हैदराबाद स्थित कंपनी TakeMe2Space ने विकसित किया है।
क्यों है यह AI लैब खास?
MOI-TD अंतरिक्ष में वास्तविक समय में डेटा प्रोसेस करेगा। मौजूदा समय में, अंतरिक्ष से भेजे गए डेटा को धरती पर प्रोसेस करने में कई सप्ताह लग सकते हैं। इस नई तकनीक से न केवल समय बचेगा, बल्कि डेटा की उपयोगिता भी बढ़ेगी।
IN-SPACe का योगदान
IN-SPACe, जो अहमदाबाद में स्थित है, ने इस प्रोजेक्ट को परीक्षण और सत्यापन के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान की हैं। इसका मुख्य उद्देश्य निजी कंपनियों को अंतरिक्ष क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है।
उपयोग और संभावनाएं
MOI-TD विभिन्न क्षेत्रों जैसे पर्यावरण निगरानी, वन कटाई ट्रैकिंग, और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का पता लगाने में उपयोगी होगा। उपयोगकर्ता OrbitLab नामक वेब-कंसोल के माध्यम से इस AI लैब से जुड़ सकते हैं।
भविष्य की योजनाएं
इस मिशन से पृथ्वी अवलोकन क्षमताओं में सुधार होगा और भविष्य के अंतरिक्ष-आधारित कंप्यूटिंग तकनीकों की नींव रखी जाएगी।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- PSLV-XL के माध्यम से भारत की पहली AI लैब अंतरिक्ष में जाएगी।
- MOI-TD रियल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग में मदद करेगा।
- IN-SPACe ने इस प्रोजेक्ट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- यह मिशन पर्यावरण निगरानी जैसे कार्यों में उपयोगी होगा।
- यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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